देवास l कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा ग्राम धतुरिया विकासखण्ड टोंकखुर्द में क्लस्टर प्रदर्शन अंतर्गत सोयाबीन फसल पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र देवास के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. ए.के.बड़ाया, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के.एस.भार्गव, डॉ. महेन्द्र सिंह एवं कृषि विभाग के सहायक संचालक श्री विलास पाटिल, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री बबलू शाक्य एवं सोलीडरीडेड एनजीओ से श्री चेतन पलाथिया के साथ-साथ लगभग 125 कृषकों ने भागीदारी की।

कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ए.के. बड़ाया ने प्रक्षेत्र दिवस के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र देवास द्वारा नई-नई प्रजातियों के प्रचार-प्रसार एवं विभिन्न गांवों में नई-नई किस्मों के प्रदर्शन प्लाट तथा अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन डलवाये जाते हैं। जिसके अंतर्गत टोंकखुर्द विकासखण्ड के ग्राम धतुरिया में भी क्लस्टर प्रदर्शन अंतर्गत सोयाबीन की किस्म आर.व्ही.एस.एम. 2011-35 दी गई थी। वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों के प्रक्षेत्र पर लगाए गए विभिन्न प्रदर्शनों का भ्रमण किया गया। केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ए.के. बड़ाया द्वारा किसानों से आगामी रबी फसलों की कार्ययोजना बनाने के साथ-साथ फसल विवधिकरण एवं फसल चक्र अपनाने की बात कही।

 कृषि विज्ञान केन्द्र देवास के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. महेन्द्र सिंह ने बताया कि कृषकों को खेती में उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ लागत को कम करने के प्रयास भी करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने किसानों को खेती प्रबंधन, बीजोपचार, सही बीजमात्रा, फसलचक्र आदि शस्य क्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने लागत कम करने के लिए खेती में जीवामृत का उपयोग करने व इसे बनाने की विधि के बारे में अवगत कराया।

      केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के.एस. भार्गव ने सिंचाई जल प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा करते हुए खेती में उन्नत कृषि यंत्रों के उपयोग पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने कस्टम हाईरिंग सेंटर के माध्यम से कृषि यंत्रों को अपनाने के बारे में जानकारी दी। कृषि विभाग के सहायक संचालक श्री विलास पाटिल द्वारा किसानों को विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।