पन्ना जिला स्तरीय मिलेट मिशन योजना अंतर्गत श्री अन्न (मोटा अनाज) के बारे में जागरूकता एवं इसके महत्व एवं उपयोगिता के बारे में अवगत कराने के उद्देश्य से श्री अन्न प्रोत्साहन मेला सह प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गत शुक्रवार को स्थानीय टाउन हाॅल में कार्यक्रम के अवसर पर मोटे अनाज से निर्मित व्यंजन और अन्य उत्पाद प्रदर्शित किए गए। विशेषज्ञों द्वारा किसानों को श्री अन्न के प्रोत्साहन व बढ़ावा देने के संबंध में बताया गया।मेला सह प्रदर्शनी कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने उपस्थित किसानों को संबंधित करते हुए कहा कि अब लोगों को मोटे अनाजों के महत्व के बारे में जागरूक होना जरूरी है। युवा पीढ़ी को भी इसके लिए आगे आना व सार्थक प्रयास करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के फास्ट फूड कल्चर को हतोत्साहित कर मोटे अनाज का बहुआयामी रूप में खानपान में उपयोग वर्तमान समय की आवश्यकता है। केन्द्र व राज्य सरकार भी देश के श्री अन्न को व्यापक तौर पर बढ़ावा देने के लिए तत्पर है। पूर्व मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा निर्धारित कार्ययोजना पर कार्य करते हुए ग्रामीण पृष्ठभूमि के कृषकों द्वारा उत्पादित देश के श्री अन्न को ग्लोबल बनाने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज खनिज व पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। दुनिया भी इसके महत्व को समझ गई है। इसलिए कोदो-कुटकी जैसे श्री अन्न के उपयोग को समुचित प्रोत्साहन व इसके उपयोग के लिए जागरूक होना जरूरी है। श्री अन्न के दैनिक जीवन में उपयोग से कई बीमारियों से भी निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशानुसार पौष्टिक एवं कम लागत की फसलों की खेती करने के लिए मोटा अनाज को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।कार्यक्रम में किसानों को मिलेट्स के महत्व को समझाते हुए इसकी खेती करने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही आवश्यक मार्गदर्शन व प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मिलेट मिशन योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। कृषकों द्वारा कृषि से संबंधित विभिन्न समस्याओं के संबंध में किए गए प्रश्नों का निराकरण भी किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष मीना राजे परमार सहित नगर पालिका उपाध्यक्ष आशा गुप्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ अशोक चतुर्वेदी, उप संचालक कृषि ए.पी. सुमन, सहायक संचालक उद्यानिकी पी.के. श्रीवास्तव, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. पी.एन. त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।