MP - मंत्री जी को भूलने की बीमारी या काम का दबाव ..?

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे एक कैबिनेट मंत्री की कार्यशैली को देखकर ऐसा लगता है कि उन्हें भूलने की बीमारी हो गई है या फिर काम का दबाव कुछ ज्यादा ही है। वे कभी पत्रकार को एसडीएम तो कभी तहसीलदार समझने लगते हैं l हां लेकिन इतना अवश्य है कि उनकी कार्यशैली सबसे हटकर है, उनको इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि उनसे मिलने वाला व्यक्ति उनके विधानसभा क्षेत्र का है या उनके जिले का l वह कहीं का भी हो वे हर व्यक्ति से एक समान अंदाज में मिलते हैं और उनकी सोच भी अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक सरकार को पहुंचाने का काम करने वाली है l गरीब से गरीब फटेहाल से फटेहाल व्यक्ति की भी वह पूछ परख करते हैं और उसका काम करने की भरसक कोशिश करते हैं और अधीनस्थों को निर्देश भी देते हैं कि इस गरीब व्यक्ति का काम हर हाल में होना चाहिए ,इसके काम की मॉनिटरिंग करते रहिए l वैसे भी मंत्री जी की छवि एक ईमानदार मंत्री की है चर्चा है कि नेताजी भूल कैसे रहे हैं..? हां भूलने के लिए पहले याद रखना भी जरूरी है।