खेती आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिये तैयार हैं पायलट ड्रोन दीदियां
मध्यप्रदेश की ड्रोन तकनीकी में प्रशिक्षित महिलाएं खेती-किसानी का पूरा दृश्य बदलने के लिये तैयार हैं। किसानों को खेतों में उर्वरकों का छिड़काव करने, बड़े खेतों में फसलों की निगरानी करने में ड्रोन दीदियों की सेना मदद के लिए तैयार मिलेगी। ड़ोन का रिमोट लिए ड्रोन उड़ाती ग्रामीण महिलाएं मध्यप्रदेश की सशक्त नारी का एक नया स्वरूप है। नई तकनीकी में दक्ष इन ग्रामीण महिलाओं का आत्मविश्वास उत्कर्ष पर है। इन महिलाओं ने साबित कर दिया कि थोड़े से सरकारी सहयोग से वे काम कर सकती हैं। स्व-सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं ने अब इस क्षेत्र में कदम बढ़ा दिया है।
दतिया जिले के बसई गांव की श्रीमती भगवती अहिरवार सुहानी स्व- सहायता समूह की सदस्य हैं। वे 2021 से समूह में काम कर रही हैं। यह समूह जैविक खाद बनाता है। भगवती ने एम.आई.टी.एस ग्वालियर से ड्रोन उड़ाना सीखा। उन्हें ड्रोन के बारे में सबसे पहले म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम से सुना। जब पता चला कि यह खेती के काम आता है तो उन्होने खेती में तकनीकों का उपयोग बढ़ाने और किसानों को जागरूक करने के लिए सीखने की मंशा जाहिर की।
ड्रोन उड़ाने का अनुभव सुनाते हुए वे कहती हैं कि उन्हें लगता है कि उनका अपने खुद के ऊपर विश्वास कई गुना बढ़ गया है। नई तकनीक से सीखना और इससे जुड़ना अपनी तरह का नया अनुभव है। हम लोग पहले ट्रेक्टर को ही बड़ी मशीन समझते थे। अब पता चला कि ट्रेक्टर अपनी जगह है किन उससे भी ज्यादा काम में आने वाला है ड्रोन।