प्राचीन भारतीय परंपरा के तहत वैदिक कृषि की ओर लौटना होगा

बड़वानी /प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस, शहीद भीमा नायक, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जिला बड़वानी में राज्य स्तरीय नेक प्रकोष्ठ एवं प्राचार्य डॉ. वीणा सत्य के मार्गदर्शन में 30 घंटे का मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। मुख्य विषय भारतीय ज्ञान परंपरा एवं आर्थिक आधुनिक विचारधारा पर कार्यशाला का आयोजन 25 नवंबर 2024 से 11 दिसंबर 2024 तक विभिन्न उप विषय पर अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित की जा रही है। उक्त कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. लक्ष्मी वास्केल संयोजक डॉ. सुनिता सोलंकी एवं सचिव डॉ. रंजना चौहान के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला का मंगलवार को 14 वे दिन 14 वा विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया हैं । व्याख्यान में विषय विशेषज्ञ डॉ. रंजना चौहान द्वारा प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा एवं वैदिक कृषि व्यवस्था पर बताया कि हमारे पूर्वज प्रकृति के नियम अनुसार कृषि कार्य को संपन्न करते थे। जिससे कि प्रकृति का संरक्षण किया जा सके। इसका वर्णन वर्णन ऋग्वेद एवं यजुर्वेद में भी मिलता हैं। व्याख्यान के दौरान बताया गया कि निरंतर हो रहे तापमान में वृद्धि के कारण वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन हो रहा हैं। जो कि मानव जाति के भविष्य के लिए खतरा हैं जिसके परिणाम भविष्य में भयावह हो सकते हैं। जिसके परिणाम स्वरुप भोजन एवं जल की आपूर्ति प्रभावित होने से स्थानीय व्यवस्था तथा लोक स्वास्थ्य में गिरावट आ रही हैं। विगत 50 वर्षों में रासायनिक खेती ने मानव के स्वास्थ्य, जीव जगत, पर्यावरण और मृदा संरक्षण को काफी प्रभावित किया हैं। इसलिए हमें जैविक खेती एवं वैदिक कृषि परंपरा की ओर लौटना होगा। विभागाध्यक्ष डॉ. आशा साखी गुप्ता ने इस विषय पर अपना अभिमत प्रस्तुत कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. लक्ष्मी वास्केल द्वारा किया व आभार डॉ. सुनिता सोलंकी ने किया। उक्त कार्यक्रम में सक्रिय स्वयं सेवक ,अनुज गंगवाल, हिमांशु चौहान, निलेश राठौर, रोहित भायल, आशीष मुजाल्दा, मोहन डावर, अश्विता परिहार, सलोनी रघुवंशी, मनोज, प्रेमसिंग, नीलम तरोले सहित विद्यार्थी उपस्थित थे।