भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान सिख समुदाय को लेकर देश के खिलाफ दिए गए बयान की आलोचना करते हुए निंदा की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री शर्मा ने कहा कि अमेरिकी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने भारत में रहने वाले सिखों के बारे में गलत बयान देकर अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय को गुमराह किया है। श्री शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा है कि भारत में सिख समुदाय तनाव में जीते हैं। उन्हें पगड़ी, कड़ा-कृपाण पहनने में दिक्कत होती है। जबकि सच्चाई यह है कि भारत में रहने वाले सिख समुदाय के लोग हमेशा से कड़ा-कृपाण पहन कर गर्व महसूस करते हैं और देश के हर हिस्से में भ्रमण करते हैं। शहरों से लेकर देश के दूरदराज इलाकों में भी सिख भाईयों को पगड़ी पहन कर अपना-अपना काम करते हम देखते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी जब भी गुरूद्वारा गए हैं, तब वे पगड़ी पहनकर गुरूद्वारा गए। सिख समुदाय को गर्व है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व की सरकार में सिख समुदायों की लंबित मांगों को पूरा करते हुए करतारपुर साहिब जाने का रास्ता खुलवाया। दशम गुरू गोविंद सिंह के शहजादों के बलिदान को “वीर बाल दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया। 
कांग्रेस शासनकाल में अपनी जान बचाने सिख समुदाय ने पगड़ी उतारी व दाढ़ी कटवाई थी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि वर्ष 1984 में राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते सिख समुदाय का सामूहिक नरसंहार किया गया, जिसमें करीब 3000 से अधिक सिख भाई-बहनों का कत्लेआम किया गया था। उस समय आगजनी की गयी थी और सिखों को घरों से खींचकर जिंदा जला दिया गया था। उस वक्त कई सिख भाईयों ने जिंदा रहने के लिए अपनी पगड़ी तक उतार दी थी और दाढ़ी-बाल कटवा लिए थे। राजीव गांधी ने कहा था कि “बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।“ सिखों के नरसंहार में संलिप्त लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गयी थी और लंबे समय बाद सिख दंगे के दोषियों को तब सजा हुई, जब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व की सरकार बनी। 
दुनिया को सिख दंगों की सच्चाई बताना चाहिए, लेकिन वे सिखों को गुमराह कर रहे हैं
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी विदेशी धरती पर देश को बदनाम करने का अभियान चला रहे हैं। वे दुनिया के समक्ष भारत की यह सच्चाई नहीं रखते हैं कि भारत में मजबूत लोकतंत्र है। भारत लोकतंत्र की जननी है। दुनिया को सच्चाई बताने के बदले राहुल गांधी अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय को गुमराह कर रहे हैं। कभी राहुल गांधी कहते हैं कि भारत में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है, जबकि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। राहुल गांधी अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को देश के प्रति भ्रमित कर रहें हैं। राहुल गाँधी को थोड़ा ज्ञान होता तो देश पर जब-जब मुसीबत आयी है, तब आगे बढ़कर देशहित में कार्य करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन के खिलाफ बयानबाजी नहीं करते। राहुल गांधी अब एक आम नागरिक नहीं हैं, बल्कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, फिर भी वे विदेशी धरती पर भारत के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं। राहुल गांधी भारत की न्यायिक व्यवस्था, निर्वाचन आयोग, प्रशासनिक व्यवस्था समेत देश के सभी संवैधानिक संस्थानों के खिलाफ बोलते रहते हैं। राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के एकाउंट फ्रीज होने पर देश के प्रशासनिक तंत्र पर हमला बोला था, लेकिन उसकी सच्चाई लोगों के सामने नहीं बताई। 
राहुल गांधी देश की एकता व अखंडता के खिलाफ खतरनाक नैरेटिव सेट कर रहे
राहुल गांधी के बयान के पीछे उनके सलाहकार सैम पित्रोदा हैं। पित्रोदा कहते हैं कि राहुल गाँधी अब पप्पू नहीं रहे। वे पप्पू रहें या न रहें, उनको क्यों इस तरह से अलंकृत किया गया, हमें इसमें कोई रूचि नहीं है, लेकिन चिंता का विषय यह है कि राहुल गांधी के सलाहकार कहते हैं कि भारत एक देश नहीं है। उनके अनुसार, जो लोग नार्थ से आते हैं, वे अफगानिस्तान से आते हैं और नार्थ-ईस्ट के लोग चाइनीज के समकक्ष हैं। जिस तरह के विचार वाले लोगों के साथ राहुल गांधी रहते है, इसलिए जब राहुल गाँधी ओछी बातें करते हैं, तो आश्चर्य नहीं होता। पिछले कई सालों में राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान को एक दूसरे से जोड़कर देखें, तो उससे स्पष्ट होता है कि राहुल गांधी को कई बातों की समझ नहीं है। कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसमें राष्ट्र की पहचान, विविधता के साथ एकता और अखंडता के विषय शामिल होते हैं। राहुल गांधी देश की विविधता के साथ एकता और अखंडता के मुद्दों पर बहुत ही खतरनाक नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रहे हैं।