सीहोर l कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि खरीफ फसल मक्कामूंगउड़द व सोयाबीन की जहां कटाई हो रही हैउन क्षेत्रों में खेत की दो से तीन बार हकाईजुताई कर खेत में पाटा लगाकर नमी को संचित करें। तोरिया व असिंचित सरसों की बुवाई करने का यह उचित समय है।उन्नत किस्में,, तोरिया की किस्म जवाहर तोरिया-1राज विजय तोरिया-1राज विजय तोरिया-2राज विजय तोरिया-3 और सरसों की उन्नत किस्म जवाहर सरसों-3राजविजय सरसों-2पूसा जय किसानगिरिराजआरएच-725 आरएच-749 किस्मों का चयन करें।

      भूमि का चुनाव व तैयारी तोरिया व सरसों के लिए दोमट या बलुई मिट्टीउचित जल निकास वाली उपयुक्त होती है। अत्यधिक अम्लीय या क्षारीय मिट्टी उपयुक्त नहीं होती। खरीफ फसलों की कटाई के बाद 2 से 3 बार खेत की कल्टीवेटर से जुताई कर खेत में पाटा लगाकर नमी को संचित कर लें। खेत में बड़े-बड़े ढेले नहीं बनने चाहिए।बीज की मात्रा व बीजोपचार बुवाई के लिए तौरिया के 4 से 5 किलो व सरसों के 5 से 6 किलो बीज की जरूरत होती है। तोरिया व सरसों के बीज को बुवाई पूर्व फफूंदनाशक कार्बेंडाजिम + मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित अवश्य करें।बुवाई का समय तोरिया के बुवाई का उपयुक्त समय सितंबर का द्वितीय व तृतीय सप्ताह है। सरसों की असिंचित अवस्था में बुवाई का उपयुक्त समय 15 सितंबर से अक्टूबर का प्रथम सप्ताह है।

      बुवाई की विधि तोरिया व सरसों की बुवाई देसी हल या सरिता या सीड ड्रिल से कतार में करें। तोरिया व सरसों की बुवाई कतार से कतार दूरी 30 से 40 सेंटीमीटर व पौध से पौध की दूरी 10 से 12 सेंटीमीटर हो। बुवाई 2 से 3 सेमी गहराई पर करें।खाद व उर्वरक प्रबंधन तोरिया व सरसों की फसल के लिए 10 से 12 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद का उपयोग करें। तोरिया की फसल में 60 किलो नत्रजन30 किलोग्राम स्फुर20 किलोग्राम पोटाश व 20 किलो गंधक का उपयोग करें। असिंचित सरसों में 40 किलो नत्रजन20 किलो स्फुर10 किलो पोटाश व 15 किलो गंधक का उपयोग करें। असिंचित अवस्था में नत्रजनस्फुरपोटाश व सल्फर की पूरी मात्रा का उपयोग फसल की बुवाई के समय करें।खरपतवार नियंत्रण तोरिया व सरसों की फसल में बुवाई के तुरंत बाद फसल के अंकुरण पूर्व खरपतवारनाशक दवा पेण्डामिथलीन 30 ईसी मात्रा 3.33 लीटर प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।