नरवाई को खेत की मिटटी में मिलाने से देशी खाद का काम करता है
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सीहोर l किसानों द्वारा गेंहॅू फसल की कटाई का कार्य प्रारंभ हो गया है। किसानों से कृषि विभाग ने आग्रह किया है कि किसान गेंहॅू की नरवाई नही जलाये। इसके लिए प्रशासन द्वारा पूर्व से ही गेंहॅू की नरवाई जलाये जाना प्रतिबंधित किया गया हे। किसान गेंहू फसल के ठूठ नरवाई को जलाने से खेत की उर्वरक क्षमता में कमी आती है। गेंहॅू की नरवाई को रोटेवेटर की सहायता से खेत की मिटटी में मिलाये इससे नरवाई मिटटी में मिलाने से देशी खाद का काम करता है और फसल के उत्पादन में वृद्वि होती है। कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर किसान भाई को नरवाई न जलाने की सलाह एवं समझाइश निरंतर दी जा रही है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि विभाग के अधिकारी अपने निरन्तर भ्रमण के दौरान किसानों को समझाइश दे रहे है कि किसान अपने खेत की नरबाई नही जलाये और नरवाई नही जलाने के फयदे बता रहे है। किसान अपने खेत की नरवाई जलाने के स्थान पर रोटेवेटर चलाकर नरवाई खेत की मिटटी में मिलाये नरवाई मिटटी में मिला देने से खाद का काम करता है। किसान खेती को लाभ का धंधा बनाने के गेहूं के नरवाई को जलाने की बजाय उसे खेतों की मिट्टी में ही मिला दिया जाए जिससे खेत में फसलों को नुकसान भी नहीं होगा और फसल की पैदावार भी अच्छी होगी।