एक विचार प्रतिज्ञ कार्यकर्ता का अवसान
(हितानंद शर्मा प्रदेश संगठन महामंत्री भाजपा मध्य प्रदेश) भोपाल। आज प्रातः जब यह समाचार आया कि प्रभात जी नहीं रहे हैं तो विश्वास करने का कोई कारण ही समझ नहीं आया। जिस कार्यकर्ता को विद्यार्थी परिषद से लेकर एक विलक्षण पत्रकार और निर्णायक राजनेता के रूप में लगातार देखने का क्रम चल रहा हो, उनके बारे में ऐसी खबर एक भीषण बज्रपात ही थी। प्रभात जी से चंद दिनों पहले ही भेंट हुई थी। थोड़े अस्वस्थ दिखाई दे रहे थे, लेकिन उनके भीतर की ऊर्जा कह रही थी कि उन्हें छिंदवाड़ा चुनाव में सक्रिय रूप से काम करना है। यह बनागी सिर्फ इसलिए कि वे कर्तव्य पथ पर सदैव अपने नाम के अनुरूप प्रभात की ऊर्जा में ही रहते थे।
वे वर्षों तक विचार के समाचार पत्र स्वदेश में पत्रकारिता की प्रखरता के लिए जाने गए। उन्हें राजनैतिक क्षेत्र में भेजा गया तो उन्होंने यहां भी अपनी प्रतिभा की विलक्षणता को सिद्ध किया। लोक संग्रह उनके व्यक्त्वि का बड़ा वैशिष्ठय था। वे जहां भी रहे, वहां विचार से युवाओं को जोड़ना, फिर उनका समुचित परिष्करण उनकी कार्यपद्धति थी। जब राजनैतिक दलों में मीडिया विभाग की अवधारणा भी नहीं थी, तब प्रभात झा जी को भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी मिली। वे कमल संदेश के संपादक रहे तो उसकी चर्चा देशव्यापी थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने तो संगठन में असंख्य नवाचार हुए। सांसद और राष्ट्रीय पदाधिकारी के रूप में भी उन्होंने अपना एक स्थान स्थापित किया।
भाव यह है कि प्रभात जी जैसे कार्यकर्ता का यूं अचानक समय पूर्व चला जाना अनंत अभावों को पैदा कर जाता है। यह रिक्तता दृढ़ता की है, शुचिता की है, परिशुद्धता की है, परिश्रम की है, प्रामाणिकता की है। ऐसे कार्यकर्ता का जीवन काल शारीरिक रूप से भले ही समाप्त हो गया हो लेकिन प्रेरणा के स्तर पर वे सदैव प्रभात बनकर ही प्रकट होते हैं। हम सभी उनकी वैचारिक ऊर्जा से आलोकित होकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेंगे।