भोपाल l किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग रायसेन एवं कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन अन्तर्गत श्री अन्न फसलों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उप संचालक कृषि श्री एनपी सुमन, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री जीएस रैकवार, सहायक संचालक कृषि श्री दुष्यंत धाकड़ तथा श्री जितेन्द्र नामदेव, वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ स्वप्निल दुबे, वैज्ञानिक श्री रंजीत सिंह राघव, डॉ. मुकुल कुमार, श्रीमती लक्ष्मी चक्रवर्ती प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती का पूजन अर्चन कर किया गया। उप संचालक कृषि श्री सुमन ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मौसम की अनिश्चितता, कम व अधिक वर्षा, जलवायु परिवर्तन को देखते हुए मुख्य फसलों के साथ ही श्रीअन्न, ज्वार, बाजरा को अवश्य उगाएं। इसके लिए कृषि विभाग के मैदानी अमला द्वारा भी किसानों को जानकारी दी जा रही है। सहायक संचालक श्री दुष्यंत धाकड़ ने कहा कि कम पानी, कम उपजाऊ भूमि, कम खाद, पानी व कम उत्पादन लागत में मोटा अनाज की खेती की जा सकती है। रायसेन जिले की मृदा, जलवायु मोटा अनाज की खेती के लिए उपयुक्त है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुब व रंजीत सिंह राघव द्वारा श्रीअन्न ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी, रागी, चेना आदि से प्राप्त होने वाले विटामिन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आदि की जानकारी दी गई। साथ ही फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीक के बारे में भी बताया गया। कोदो की उन्नत किस्म जेकेएम-137, रागी की उन्नत किस्म छत्तीसगढ़ रागी-3, सांवा की उन्नत किस्म डीएचबीएम-93-3, ज्वार की उन्नत किस्म जवाहर ज्वार-1041 की जानकारी दी गई। साथ ही कृषकों को एलईडी स्क्रीन के माध्यम से मोटे अनाज, श्री अन्न पर लघु फिल्म दिखाकर भी मार्गदर्शित किया गया। कार्यशाला में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के विनय यादव द्वारा मेरी पॉलिसी मेरे हाथ के अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा की पॉलिसी का कृषकों को वितरण भी किया गया। महिला वैज्ञानिक श्रीमती लक्ष्मी चक्रवर्ती द्वारा श्रीअन्न से बनने वाले विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन रोटी, खिचड़ी, लड्डू, खीर, दलिया आदि की जानकारी दी गई। सीरॉक संस्था के प्रक्षेत्र समन्वयक श्री रमेश शर्मा एवं ग्राम लुलका की महिलाओं द्वारा श्रीअन्न के फसल उत्पादन एवं उनसे बने हुये उत्पाद के बारे में अपने अनुभव साझा किए गए। कार्यशाला में जिले के सातों विकासखण्ड से 450 कृषकों व महिला कृषकों, मैदानी कृषि विभाग का अमला एवं समस्त बीटीएम ने सहभागिता की।