विदिशा l एयीस्टैंक (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर) के अंतर्गत फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने का अभियान  19 सितम्बर से 30 नवंबर तक क्रियान्वित किया जाना है।

आयुक्त भू-अभिलेख अनुभा श्रीवास्तव द्वारा जारी तत्संबंधी दिशा निर्देश का हवाला देते हुए कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह ने बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश हैदेश की अर्थव्यवस्था एवं विकास में कृषि की महती भूमिका है। कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास द्वारा ही अर्थव्यवस्था का समय विकास संभव है। कृषि क्षेत्र के विकास हेतु केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं। वर्तमान परिदृश्य में यह आवश्यक है कि कृषि क्षेत्र के विकास हेतु चलाई जा रही विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समय से पहुँच सके जिससे संसाधनों के समुचित उपयोग से कृषि क्षेत्र का पूर्ण विकास संभव हो सके।

                एग्रीस्टैक के माध्यम से किसानों के लिए सुलभ ऋणउच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुटस्थानीय एवं विशिष्ट लक्षित सलाह और बाजारों तक सुविधाजनक पहुँच प्राप्त करनाकृषि केन्द्रित लाभदायी योजनाओं का क्रियान्वयन आसानी से किया जा सकेगा। फार्मर रजिस्ट्री के क्रियान्वयन हेतु राज्यों के लिए इन्सेंटिव कार्यक्रम भी भारत सरकार द्वारा नियत किया गया हैजिसमें समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण करने पर प्रदेश के विकास हेतु पृथक से राशि प्राप्त हो सकेगी। उक्त कार्यवाही समय-सीमा में अभियान के रूप में पूर्ण करने हेतु डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण कार्य हेतु चिन्हांकित स्थानीय युवा का उपयोग किया जाना हैजिससे अभियान की कार्यवाही नियत समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण की जा सके।

स्थापना

                एग्रीस्टैक की स्थापना हेतु रजिस्ट्री ,जियो रिफरेंस ग्राम नक्शा प्रदेश के लगभग समस्त राजस्व ग्राम नक्शों का डिजिटाईजशन एवं जियो रिफरेसिंग का कार्य पूर्ण हो चुका हैजिसके माध्यम से डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है एवं समान डाटा अन्य कार्यवाही हेतु उपयोग किया जा रहा है।

                जीआईएस बेस रियल टाईम क्रॉप सर्वे क्रॉप सर्वे के तहत प्रदेश में मौसम खरीफरबी एवं जायद हेतु फसल सर्वेक्षण का कार्य ग्राम जियो रिफरेंस नक्शों के आधार पर किया जा रहा है जिससे यह सुनिश्चित किया जा पा रहा है कि खेत पर उपस्थित रहकर फसल का फोटो खींचकर सर्वेक्षण कार्य पूर्ण किया जा सकेगा। अभिलेखों की डायनेमिक लिंकिंग के साथ किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) फार्मर  रजिस्ट्री के अंतर्गत प्रदेश के कृषक विवरण को एयौस्टैंक के अंतर्गत तैयार कर डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा। जो भू-अभिलेख डाटा के आधार पर तैयार किया जाना है। इस कार्य में ग्राम के कृषकों की जानकारी को एक स्थान पर अंकित किया जाएगाजिसे बकेट कहा जा रहा है। इस प्रकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनाप्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं प्रदेश द्वारा प्रदत्त डाटा के आधार पर बकेट ऑनलाईन बनाई जाएगी। इस प्रकार यह कार्य भूधारी स्वयंडिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण कार्य हेतु चिन्हित स्थानीय युवा अथवा पटवारी द्वारा किया जाएगा।

                                                                            उद्देश्य

                फार्मर रजिस्ट्री का उद्देश्य प्रदेश में समस्त भूधारियों के आधार लिंक्ड रजिस्ट्री तैयार करना हैजिसमें भूधारियों को एक अनन्य फार्मर आईडी प्रदान किया जाएगा।

भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हेतु फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य है. दिसम्बर 2024 के उपरांत केवल फार्मर आईडी उपलब्ध होने पर ही योजना का लाभ हितग्राहियों को प्राप्त हो सकेगा। योजनाओं का नियोजनलाभार्थियों का सत्यापनकृषि उत्पार्थों का सुविधाजनक विपणन । प्रदेश के समस्त कृषकों को राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुगम एवं पारदर्शी तरीके से प्रदान करने हेतु लक्ष्य निर्धारण एवं पहचान। किसानों के लिए कृषि ऋण एवं अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए कृषि सेवाओं की सुगमता।  विभिन्न विभागों द्वारा डाटा का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा। 

फार्मर रजिस्ट्री के लाभ

                प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हेतु फार्मर रजिस्ट्री की अनिवार्यता पूर्णता के साथ हितग्राहियों को लाभ प्राप्त करने में सुगमता।प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सैचुरेशन,फसल बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने में सुगमता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में कृषकों के पंजीयन में सुगमता और विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु बार-बार सत्यापन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

    प्रदेश के सभी भूधारी हेतु फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन संदर्भित निर्देशों के अनुकम रजिस्ट्री का कियान्वयन किया जाना है , जिसका विवरण निम्नानुसार है रू- फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन पोर्टल https://mpfr.agristack.gov.in(पटवारी युवा एवं किसान हेतु)मोबाईल एप Farmer Registry MP(किसान हेतु),  e Farmer Sahayak MP APP(स्थानीय युवा हेतु) के माध्यम से किया जाना है भू-अभिलेख डाटा के आधार पर बकेटिंग का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। इससे में एक कृषक द्वारा धारित भूमि की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध होगी। प्रदेश में इन बकेट का उपयोग कर फार्मर रजिस्ट्री तैयार की जाना है एवं आव पर जिलातहसीलग्राम का चयन कर खाता एवं भूमिस्वामी का चयन सकेगा। विकसित एप एवं पोर्टल का उपयोग कर कृषक के खातों को लिंक करते हुए ई-केवायसी की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी जिसमें सहमति इलैक्ट्रोनिक रूप में प्राप्त की जाएगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हितग्राहियों की फार्मर आईडी प्राथमिकता के जनरेट की जाए।

                प्रत्येक खातेदार के खसराहिस्सामोबाईल नंबरआधार संख्याई-केवायसी विवरण फार्मर रजिस्ट्री में दर्ज होगा।भू-अभिलेख परिवर्तन होने पर फार्मर रजिस्ट्री में जानकारी स्वतः ही अद्यतन हो जाएगी। डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण में प्रत्येक खसरे में दर्ज फसल की जानकारी समेकित रूप से उपलब्ध होगी। कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भूधारी द्वारा नियत शुल्क का भुगतान कर फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन । फार्मर रजिस्ट्री क्रियान्वयन अभियान के रूप में तीस नवंबर 24 तक पूर्ण किया जाना है।

 स्थानीय युवा को राशि का भुगतान डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण हेतु चिन्हांकित स्थानीय युवा द्वारा फार्मर रजिस्ट्री बनाए जाने का कार्य अभियान के रूप में किया जाएगाजिसके लिए स्थानीय युवा को निम्नानुसार राशि का भुगतान आधार से लिंक बैंक खाता में किया जाएगा प्रति फार्मर आईडी बनाए जाने हेतु राशि रूपये 10/- (दस रूपये) स्थानीय युवा को प्रदान की जाएगी।भारत सरकार द्वारा प्रदत्त बकेट के अलावाप्रत्येक अतिरिक्त खाता जोडने हेतु राशि पाँच रूपये स्थानीय युवा को प्रदान की जाएगी। (फार्मर आईडी बनने की कार्यवाही पूर्ण होने पर)

                                                                                   प्रशिक्षण

                समस्त स्थानीय युवा हेतु प्रशिक्षण की कार्यवाही बीस सितंबर तक पूर्ण कराने के निर्देश प्रसारित किए गए हैं। पटवारी द्वारा प्रशिक्षण एवं आवश्यक सहयोग स्थानीय युवा को प्रदान किया जाए।

 यूजर मैनुअल - जिला /तहसील स्तरीय यूजर के साथ पटवारीस्थानीय युवा एवं कृषक हेतु यूजर मैनुअल संलग्न है। जिसमें विस्तृत प्रक्रिया का वितरण कार्यवाही हेतु अंकित है।

प्रचार प्रसार हेतु

सभी जिलों को प्रचार प्रसार एवं प्रशिक्षण की कार्यवाही हेतु प्रति तहसील राशि रूपये 5 हजार प्रदान किए गए हैं। सभी जिले सोशल मीडिया के माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री हेतु प्रतिदिन बेहतर कार्यवाही का फोटो पोस्ट किया जाये।

                आयुक्त भू-अभिलेख ने उक्त अभियान की नियत समय-सीमा अवधि 19 सितम्बर 24 से 30 नवंबर 24 तक कार्यवाही पूर्ण करने हेतु ताकिद किया है। ताकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हितग्राहियों को अनवरत लाभ प्राप्त हो सके एवं किसान क्रेडिट कार्ड के साथ अन्य विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शिता के साथ किया जा सके।