डिंडौरी जिले को प्रकृति ने अपने अमूल्य उपहारों से नवाजा है इन्ही उपहारों में से अमृत तुल्य मोटे अनाज भी शामिल हैं, जिले के बैगा चक इलाके में मोटे अनाजों की कई किस्में पाई जाती हैं, पोषक गुणों से भरपूर मोटे अनाज की मांग इस समय अधिक हो रही है। जिले में काम कर रही स्वयं सेवी संस्था निवसीड इन मोटे अनाजों के संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रही है और इन अनाजों का अधिक से अधिक उत्पादन हो इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है और बीज मेलों का आयोजन कर गांव गांव में इन बीजों का प्रसार कर रही है, कोदो, कुटकी, सांवा, मडिया सहित अन्य अनाज व सब्जियों के बीजों का प्रदर्शन कर बीजों का वितरण कर रही है। इसी क्रम में बैगा चक के ठाड़पथरा गांव में बीज मेले का आयोजन किया गया जिसमे लगभग 25 गांव के ग्रामीणों ने हिस्सा ले अपने बीजों का प्रदर्शन कर आपस में बीजों का वितरण किया। कार्यक्रम में संस्था के अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी और कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हुए जिन्होंने किसानों को पारंपरिक बीजों का महत्व बताया। कार्यक्रम में बताया गया कि इन बीजों का क्या महत्व है।

            निवसीड के समन्वयक बलवंत राहंगडाले ने बताया कि संस्था लगातार इन बीजों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम कर रही है ताकि स्थानीय पारंपरिक बीजों का संरक्षण हो सके और स्थानीय स्तर पर ही पोषण जरूरत पूरी हो सकें।