15 उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर चना ,सरसों, मसूर की होगी खरीदी
छिंदवाड़ा मे समर्थन मूल्य पर चना सरसों और मसूर 26 मार्च तक खरीदी के लिए 15 उपार्जन केंद्र निर्धारित किए गए हैं l निर्धारित किये गये खरीदी केन्द्रों में निर्धारित किये गये खरीदी संस्थाओं/ केन्द्रों को रबी विपणन वर्ष 2024-25 में चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन हेतु निर्धारण किया जाता है।
1. खरीदी के दौरान कृषक को मूलभूत जानकारी में नाम, समग्र आईडी नंबर, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, बैंक आईएफएससी एवं मोबाईल नंबर देना होगा तथा तौल पर्ची उपार्जन केन्द्र प्रभारी सुरक्षित रखेगे।
2. किसानों को उपज का भुगतान IT के माध्यम से सीधे संबंधित कृषक के बैंक खाते में किया जाना है, इसलिये किसान पंजीयन में राष्ट्रीयकृत एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखाओं के एकल खाते ही दर्ज किये जाये। जनधन, ऋण, नाबालिग, बंद तथा अस्थायी रूप से रोके गये खाते (विगत 6 माह से कियाशील नही हो) आदि पंजीयन में दर्ज नहीं किये जायेगे। इस आशय की सूचना सभी उपार्जन केन्द्रों पर प्रदर्शित की जावे तथा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जावे।
3. प्रत्येक उपार्जन केन्द्रों पर ऑपरेटर गुणवत्ता सर्वेयर तथा कम्प्यूटर हार्डवेयर धूर्व कृषकों की सुविधा हेतु, बैठने एवं पर्याप्त छायादार स्थान, स्वच्छ पेयजल, पार्किंग व्यवस्था, जानकारी हेतु निर्धारित बैनर एस.एम.एम. सूचना पर आमंत्रित किये गये कृषकों की मात्रा के अनुसार पर्याप्त तौल कांटे, हम्मालों, बारदानों आदि पूर्व से पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जावें।
4. चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन शासन द्वारा निर्धारित एफ.ए.क्यू, गुणवत्ता का ही किया जावे। निम्न गुणवत्ता का उपार्जन नही किये जावे। यदि किसी केन्द्र पर अमानक/निम्न गुणवत्ता का उपार्जित स्कंध पाया जाता है, तो संस्था प्रबंधक केन्द्र प्रभारी गुणवत्ता सर्वेयर पूर्णतः उत्तरदायी होगे।
5. जिले में बारदाना (15 प्रतिशत बफर सहित) साख सीमा, परिवहन, भंडारण, निस्तारण एवं पर्यवेक्षण आदि की व्यवस्था हेतु जिले की उपार्जन एजेंसी मार्कफेड उत्तरदायी होगी।
6. उपार्जन का कार्य सप्ताह से 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार) प्रातः 8 बजे से सांयकाल 8 बजे
तक किया जायेगा एवं किसान तौल पर्ची शाम 6 बजे तक जारी की जावेगी।
7. शासन की अत्यंत महत्वपूर्ण कृषक कल्याणकारी योजनांतर्गत कृषक उपार्जन का कार्य जारी नीति निर्देशों के अनुरूप ही संपादित किया जावे। उक्त कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं अनियमितता पाई जाने पर कठोर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।