मध्यप्रदेश के नए मुख्य सचिव के बारे में जानिए खास बातें
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भोपाल l राज्य शासन ने दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाया है। मध्य प्रदेश कैडर के 1989 बैच के आईएएस अफसर अनुराग जैन की उपलब्धियों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में लाए गए लोक सेवा गारंटी कानून की बात हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन धन योजना, इनका श्रेय अनुराग जैन को ही जाता है। फिर पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के लिए अनुराग जैन को अप्रैल 2023 में एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में पीएम अवॉर्ड भी मिल चुका है। जैन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वस्त माना जाता है। 2022 में इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव पद से रिटायर हुए तो तब के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जैन को मुख्य सचिव बनाने का प्रस्ताव दिया था। जैन आना भी चाहते थे लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें रोक दिया था। केंद्र में उन्हें सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय में सचिव बनाया गया। अपनी करीब 35 साल लंबी सेवा में जैन ने जिन भी विभागों या मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली, उसे नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। अनुराग जैन मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं। आईआईटी खड़गपुर से उन्होंने इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में बीटेक (ऑनर्स) किया और फिर सेवा काल के दौरान ही अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सिरैक्यूज से एमए (पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) की डिग्री हासिल की। लंबे-चौड़े प्रशासनिक अनुभव वाले सीएस को खेलकूद का भी बहुत शौक है। टेनिस, टेबल टेनिस और क्रिकेट खेलना उन्हें खासा पसंद है। अनुराग जैन की पहली पोस्टिंग जून 1990 में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर सागर में हुई। फिर खुरई, कांकेर (अब छत्तीसगढ़), छिंदवाड़ा, दुर्ग (अब छत्तीसगढ़) में विभिन्न भूमिकाओं का निर्वहन किया। जुलाई 1997 में उन्हें पहली बार कलेक्टर के तौर पर मंडला का चार्ज मिला। फिर मंदसौर और भोपाल में भी कलेक्टर रहे। जब सितंबर 2005 में उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सचिव बनाया तो यह जैन के लिए गेमचेंजर साबित हुआ। यहां उन्होंने लोक सेवा गारंटी कानून को अमलीजामा पहनाया, जिसे मध्य प्रदेश की देखादेखी करीब-करीब 15 से अधिक राज्यों में जस का तस लागू किया गया है। आईटी एंड टेक्नोलॉजी विभाग में प्रमुख सचिव रहते हुए उन्होंने निविदाओं के लिए ई-टेंडरिंग को लागू किया।