सहकारी बैंक में हैं सभी सुविधाएं उपलब्ध, अधिक से अधिक किसानों और विभागों के खाते खुलवाएं

छिंदवाडा़ कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह ने आज कलेक्टर कार्यालय के मिनी सभाकक्ष में कृषि एवं सह संबद्ध विभागों उद्यानिकी, पशुपालन, दुग्ध संघ, मत्स्य पालन, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, सहकारिता एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की फॉलोअप समीक्षा बैठक ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री सिंह ने रबी बोनी, उर्वरक भंडारण एवं वितरण की जानकारी प्राप्त की और जिले में किए गए पॉप कॉर्न के नवाचार, सुपर सीडर/हैप्पी सीडर से जीरोटिलेज तकनीक के नवाचार, अरहर किस्म पूसा-16 का 50 हैक्टर में रिजफरो तकनीक से नवाचार, कुसुम फसल का जिले में पहली बार नवाचार एवं रबी सीजन में लगाए गए मक्का फसल की स्थिति के संबंध में फीडबैक लिए और सामने आए सकारात्मक परिणामों पर विस्तृत चर्चा की। उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि रबी वर्ष 2024-25 में 304.20 हजार हैक्टर में गेहूं की फसल की बोनी की गई है। चना 44.30 हजार हैक्टर, राई सरसों 35.40 हजार हैक्टर में और गन्ना 8.40 हजार हैक्टर में बोया गया है। अन्य फसलों को मिलकर इस प्रकार कुल 305.20 हजार हैक्टर में अनाज, 55.12 हजार हैक्टर में दलहन, 37.08 हजार हैक्टर में तिलहन और 8.40 हजार हैक्टर में गन्ने को मिलाकर कुल 405.80 हजार हैक्टर में बोनी पूरी हो चुकी है। जबकि पिछले रबी वर्ष 2023-24 में कुल बोया गया रकबा 396.15 हजार हैक्टर था। जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। मांग के अनुरूप उर्वरक रैक लगातार प्राप्त हो रहे हैं।
कृषि में नवाचारों के दिख रहे हैं सकारात्मक परिणाम - कलेक्टर श्री सिंह की प्रेरणा से जिले में पहली बार पॉपकॉर्न की कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग का नवाचार कराया गया है। फसल की स्थिति बेहतर है, अच्छे परिणाम आने की संभावना है। इसी तरह खरीफ सीजन के मक्के की नरवाई प्रबंधन कर गेहूं फसल की बोआई के लिए सुपर सीडर के माध्यम से जीरोटिलेज तकनीकी का नवाचार किया गया है। जिले में 104 किसानों को सुपर सीडर, हैप्पी सीडर क्रय करने के लिए पोर्टल के माध्यम से आवेदन कराया है, 70 किसानों द्वारा क्रय किया जा चुका है। इस तकनीक के अवसरण के अंतर्गत 5000 एकड़ में सुपर सीडर, हैप्पी सीडर के माध्यम से मक्का एवं अन्य फसलों का अवशेष प्रबंधन एवं गेहूं की बोआई की गई है। जिससे नरवाई जलाने की घटनाओं में बहुत कमी आई है। विकासखंड छिंदवाड़ा के ग्राम सलैया में गेहूं की नई किस्म डी.बी. डबल्यू.-303 व 187 बोई गई है, जिसमें फसल की स्थिति अच्छी है। एपीसी के निर्देशानुसार जिले में अरहर किस्म पूसा-16 के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए जिले में 10 क्विंटल अरहर किस्म पूसा-16 का 50 हेक्टर में रिजफरो तकनीक से नवाचार कार्यक्रम में किया गया है। चौरई विकासखंड के ग्राम बेलखेड़ा के कृषकों ने लगभग 40 से 50 एकड़ में रबी सीजन की मक्का फसल लगाई है, फसल की स्थिति अच्छी है, जिससे रबी सीजन में भी मक्के का रकबा बढ़ रहा है। बेलखेड़ा में काबुली चने का नवाचार भी किया गया है। विकासखंड मोहखेड़ के ग्राम भुताई के कृषक श्री कैलाश पावर द्वारा जिले में पहली बार स्ट्रॉबेरी का नवाचार किया गया है। एक एकड़ से 11000 किलो फसल प्राप्त कर अब तक प्रति एकड़ 11 लाख रुपए की आय प्राप्त कर चुके हैं।
हर पंचायत में दुग्ध समितियां बनाने के निर्देश - पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर श्री सिंह ने दुग्ध संघ सांची और पशुपालन विभाग को प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक दुग्ध समिति अनिवार्य रूप से बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे दुग्ध पालकों को फायदा मिलेगा। उन्होंने उप आयुक्त सहकारिता को सभी दुग्ध समितियों का पंजीयन कराने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने सांची के अधिकारी को व्यापक प्रचार प्रसार कर सांची उत्पादों का विक्रय बढ़ाने और सांची पार्लर में केवल सांची के प्रोडक्ट्स का ही विक्रय सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज कैंपस में सांची पार्लर शीघ्र प्रारंभ कराने के लिए भी निर्देशित किया है।
सहकारी बैंक में खुलवाएं अधिक से अधिक खाते - कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि सहकारी बैंक में खाता धारकों के लिए निजी बैंकों की तरह एटीम कार्ड, डेबिट कार्ड सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण की सुविधा केवल सहकारी बैंक द्वारा दी जाती है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं और सभी किसानों और ग्रामीणों के खाते सहकारी बैंकों में खोलने के लिए प्रेरित करें। सभी शासकीय विभाग और एन.आर.एल.एम भी अपने नवीन खाते सहकारी बैंकों में ही खुलवाएं। कलेक्टर श्री सिंह ने महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक श्री जैन को अल्पावधि कृषि ऋणों की वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। वर्ष 2024-25 में मांग 1195.29 करोड़ के विरुद्ध अभी तक केवल 200.18 करोड़ रुपए की वसूली हुई है, यद्यपि यह गत वर्ष से अधिक है।
मछली पालन में स्व सहायता समूह की महिलाओं को दें तकनीकी सपोर्ट - कलेक्टर श्री सिंह की प्रेरणा से जिले में पहली बार लगभग 20 स्व-सहायता समूहों के माध्यम से मछली पालन कराया जा रहा है। नवाचार के तहत जामई ब्लॉक के अंतर्गत दुर्गा स्व-सहायता समूह मरकाढाना और स्व-सहायता समूह हरसदिवारी द्वारा तालाबों में मत्स्य बीच संचय कर मत्स्य पालन द्वारा 4 माह में अपेक्षाकृत अच्छे वजन के मत्स्य के विकास होने पर सराहना की गई। उन्होंने मछली पालन के लिए सभी समूहों को तकनीकी सपोर्ट प्रदाय करने के निर्देश मत्स्य पालन विभाग को दिए हैं। साथ ही समूह को अच्छा आर्थिक लाभ प्राप्त हो इसके लिए उन्हें विकसित मछलियों को तालाब से निकालने और विक्रय के संबंध में भी प्रशिक्षित करने और इन समूहों को मत्स्य पालन के लिए पट्टा दिलाने हेतु निर्देशित किया है।
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने कृषि अभियांत्रिकी के अधिकारी को जिले में कस्टम हायरिंग सेंटर्स की संख्या बढ़ाने, उप संचालक उद्यानिकी को पी.एम.एफ.एम.ई. योजना के सभी स्वीकृत प्रकरण बैंकों में जाकर वितरित करवाने आदि के भी निर्देश दिए हैं।