छिंदवाड़ा l कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आज कृषि एवं सम्बध्द विभागों और फसल उपार्जन की साप्ताहिक समीक्षा बैठक कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में जिले के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकों के साथ ही कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, सहकारिता, कृषि अभियांत्रिकी, पशुपालन, खाद्य आपूर्ति सहित संबंधित सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे । बैठक में कलेक्टर श्री सिंह द्वारा जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र तामिया, हर्रई, अमरवाड़ा एवं जुन्नारदेव विकासखंड में नवाचार के रूप में लौंग, कालीमिर्च एवं इलायची फसल की खेती करने के लिये किसानों का चयन कर इसी वर्ष वर्षा ऋतु में रोपण कराने के निर्देश दिये हैं, जिससे जिले के आदिवासी कृषकों की आमदनी में वृध्दि की जाकर किसानों के आय के नवीन स्त्रोत सृजित किए जा सकें। विशेषकर यह नवाचार तामिया के पातालकोट क्षेत्र में किया जायेगा, जिससे यहां के भारिया आदिवासियों को इसका लाभ मिले। लौंग, कालीमिर्च एवं इलायची के पौधे जिले के तामिया, हर्रई, अमरवाड़ा विकासखंड में उद्यान विभाग की रोपणियों पर भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप लगवाए जायेंगे। मसाला बोर्ड के वैज्ञानिक श्री भारत अर्जुन ने बताया कि इनके पौधों की व्यवस्था दक्षिण भारत में स्थित मसाला बोर्ड की रोपणियों से की जायेगी। बैठक के दौरान लौंग, कालीमिर्च और इलायची के पौधे भी कलेक्टर श्री सिंह एवं अन्य अधिकारियों के अवलोकन के लिए लाए गए थे। इस संबंध में उन्होंने बैठक में उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों से सुझाव और इन फसलों के लिए जिले में अनुकूल क्लाइमेट की उपलब्धता की जानकारी भी प्राप्त की। इसी तरह कृषकों के हित में अन्य नवाचारों की संभावना पर भी विचार विमर्श किया गया।
       बैठक में फसल उपार्जन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री सिंह ने रबी विपणन वर्ष 2024-25 में निर्धारित मापदंड एफ.ए.क्यू. के अनुरूप ही गेहूं, चना, मसूर, सरसों आदि फसलों का कृषकों से उपार्जन करना सुनिश्चित करने और नियत समय में कृषकों को भुगतान करने के निर्देश दिये । उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी उपार्जन केंद्र में अनियमितता पाये जाने की स्थिति में संबं‌धित उपार्जन केन्द्र प्रभारी, सर्वेयर के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उपार्जन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिये सभी उपार्जन केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में बारदाने उपलब्ध कराये जाने के निर्देश जिला विपणन अधिकारी को दिये गये। उपार्जन केंद्रों के तौल कांटों व वेइंग मशीन का औचक निरीक्षण करते रहने के निर्देश नाप तौल विभाग के अधिकारी को दिए। जिला आपूर्ति अधिकारी को उपभोक्ताओं का ई-केवाईसी कार्य 77 प्रतिशत पाए जाने पर गति के साथ शत-प्रतिशत पूर्ण कराने के निर्देश दिए। खाद्यान्न आवंटन एवं अप्रैल माह के खाद्यान्न वितरण की समीक्षा की और तामिया व जुन्नारदेव क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
        कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि किसानों को कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता की खाद-बीज मिले और उनके उत्पाद अधिक कीमत पर विक्रय हों, यहीं एफ.पी.ओ. गठन का मूल मंत्र हैं। कृषि एवं संबंधित सभी विभाग उनकी आवश्यकताओं के बारे में अभी से जानकारी एकत्र कर, उसी अनुरूप कार्ययोजना बनाएं, जिससे एफ.पी.ओ. को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। जो लाभ बिचौलिए उठा लेते हैं, वह पूरा का पूरा हमारे किसानों को मिले। बैठक में उप संचालक पशु पालन विभाग द्वारा इस बार संतोषजनक साप्ताहिक प्रगति बताये जाने पर कलेक्टर श्री सिंह ने संतोष जाहिर किया और आगे भी अपेक्षित प्रगति के निर्देश दिये। साथ ही गौ-शालाओं में पशु संख्या बढ़ाने, गोबर, गौ-मूत्र से विभिन्न उत्पादों का निर्माण करने, सभी दुग्ध समितियों को क्रियाशील करने, आदिवासी परिवारों को उनके बेहतर स्वास्थ्य एवं जीविकोपार्जन के लिए गौ-पालन करने के लिए प्रेरित करने, सहायक संचालक मत्स्य पालन को मत्स्य पालन के लिए अधिक से अधिक तालाबों का चिन्हांकन करने और नवाचार करने आदि के निर्देश दिए। उन्होंने जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और सहकारिता विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की और प्रति सप्ताह अपेक्षित प्रगति के निर्देश दिए।