महर्षि विद्या मंदिर ने जारी किया तुगलकी फरमान, बाल आयोग ने लगाई फटकार
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भोपाल l एक ही स्कूल में एक ही कक्षा के बच्चों की दो कैटेगिरी बना दी गई हैं, दोनों ही कैटेगरी के बच्चों की परीक्षा अब अलग-अलग तारीखों में होगी, आधार है फीस ! जी हां रतनपुर स्थित महर्षि विद्या मंदिर ने ऐसा ही एक तुगलकी फरमान जारी किया है l फरमान के अनुसार
अर्धवार्षिक- दूसरा चरण
सभी माता-पिता जिनके बच्चों की फीस अभी भी बकाया है, उनसे अनुरोध किया गया है कि वे 19 सितंबर 2024 से पहले अपनी बकाया फीस का भुगतान कर दें या स्कूल कार्यालय में एक लिखित आवेदन जमा करने का अनुरोध करें जिसमें देय फीस जमा करने की तारीख का उल्लेख हो और स्कूल कार्यालय द्वारा विधिवत अनुमति दी गई हो।
लेकिन,ऐसा करने में विफल रहने की स्थिति में, उन छात्रों की परीक्षाएं दूसरे चरण में, यानी 30 सितंबर 2024 से (अस्थायी) आयोजित की जाएंगी, वह भी 30 सितंबर 2024 को या उससे पहले पूरी तरह से देय शुल्क जमा करने के बाद। जब बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संज्ञान में यह मामला आया तब बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनुराग पांडे ने स्कूल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई है l आयोग के सदस्य अनुराग पांडे ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को भी इस मामले में कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है l कलेक्टर भोपाल ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही है जहां तक भोपाल कलेक्टर की बात की जाए तो ऐसे मामलों में उनका रुख सदैव सकारात्मक ही रहा है l राजधानी के नामी गिरामी स्कूलों में आए दिन ऐसे फरमान जारी होते रहते हैं और शिक्षा विभाग के आला अधिकारी गहरी निद्रा में सोये रहते हैं l वे एसी से बाहर निकलकर जमीनी हकीकत जानने की जेहमत तक नहीं उठाते हैं l स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी निजी स्कूलों का ना तो निरीक्षण करते हैं और ना ही उनके खिलाफ की गई शिकायतों को गंभीरता से लेते हैं l यदि ऐसे मामले संज्ञान में आ भी जाएं तो वह कार्रवाई करने की अपेक्षा उन मामलों को दबाने का प्रयास करते हैं यही वजह है कि निजी स्कूल मनमानी पर उतर आए हैं, उन्हें ना तो शिक्षा विभाग का कोई डर है और ना ही सरकार का l वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन ऐसे आरोपो से इंकार कर रहा है l