देवास कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता की उपस्थिति में कृषि उपज मंडी प्रागंण क्रमांक-02 देवास में सोयाबीन उपार्जन कार्य में लगे मैदानी अमले को नेफेड के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण तसीलदार, प्रशासक, शाखा प्रबंधक, कृषि विस्तार अधिकारी, समिति प्रबंधक, पटवारी एवं गोदाम प्रभारी सहित लगभग 500 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में अपर कलेक्टर श्री प्रवीण फुलपगारे, एसडीएम श्री बिहारी सिंह, उपसंचालक कृषि, सीईओ कॉपरेटिव बैंक, उपायुक्त सहकारिता, जिला विपणन अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारीगण सहित उपार्जन में लगे अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित थे।

     प्रशिक्षण कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि यह दो महीने किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इन दो महीनों में किसानों को खाद, बीज की आवश्यकता लगती है तथा उन्हें उपज भी बेचना रहती है। हमें भी इन दो महीनों में दिन-रात कार्य करना है ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। उन्होंने कहा कि जिले में खाद का वितरण सही तरीके से हों, किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मिले। खाद सोसायटी से प्राप्त करने में उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी न आएं। जिले में दिनांक 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक सोयाबीन खरीदी की जायेगी।

     कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि सभी पटवारी अपने-अपने हलके में रहें तथा वहां की लगातार मॉनिटरिंग करें। जिन पटवारियों के हलके में समितियां है वहां पर नियमित समितियां खुले। समितियों में पटवारी विजिट करें तथा सभी जानकारियों लें। संबंधित अनुभाग के एसडीएम और तहसीलदार भी प्रतिदिन समितियों का निरीक्षण कर मॉनिटरिंग करें। समितियों में खाद लेने आए तथा सोयाबीन उपार्जन करने के लिए आए किसानों से अच्छा व्यवहार रखें तथा प्रॉपर मैनेजमेंट रखें।

     कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि किसानों को गुणवत्ता पूर्ण खाद, बीज एवं अन्य सामग्री मिलें। अमानक खाद, बीज न मिलें इसका विशेष ध्यान रखें। अगर कोई अमानक खाद, बीज विक्रय कर रहा है तो उस पर कार्रवाई करें। इसके लिए सतत क्षेत्र का भ्रमण करें तथा सभी अपडेट रहें।

     कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि सोयाबीन उपार्जन का कार्य भी लगभग गेहूं उपार्जन जैसा ही है।  आपकी ड्यूटी सोयाबीन उपार्जन के कार्य के लिए लगाई जा रही है। आप सभी को अच्छे से जानते हैं फिर भी प्रशिक्षण में आएं हैं तो अच्छे से सीखें तथा समझ में ना आए तो बार-बार पूछे। सोयाबीन उपार्जन करते समय सोयाबीन की अच्छी से जांच करें। सोयाबीन गुणवत्ता पूर्ण हो वहीं खरीदें। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति संवेदनशील रहें। उन्होंने कहा कि तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार सतत निरीक्षण कर मॉनिटरिंग करें। इस दौरान सोयाबीन उपार्जन संबंधी प्रश्न भी पूछे गए।