पौध प्रसारण प्राकृतिक खेती मित्र कीट एवं मित्र जीव का दिया गया प्रशिक्षण
कटनी - स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद में उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए विद्यार्थियों को प्राचार्या डॉक्टर सरिता पांडे के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर प्रीति नेगी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ राम सुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पौध प्रसारण के अंतर्गत फलों एवं फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए बीज या वानस्पतिक तरीकों का प्रयोग किया जाता है। इसकी दो विधियां हैं लैंगिक या बीज द्वारा प्रसारण तथा वानस्पतिक प्रसारण उनके गुण दोष लाभ तथा हानि की जानकारी दी गई। वानस्पतिक प्रसारण के अंतर्गत कली, जेमाओं, पत्ती, भूमि में रहने वाले तने एवं पत्रकलिका आदि विधियों तथा कृत्रिम विधियों के अंतर्गत तने को काटकर दाब विधि, गूटी बांधना, ग्राफ्टिंग एवं बडिंग आदि विधियों का प्रशिक्षण दिया गया। प्राकृतिक खेती के सिद्धांत के अंतर्गत बताया गया कि देशी गाय के एक ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु तथा सभी पोषक तत्व एवं गोमूत्र में 33 प्रकार के तत्व होते हैं। इसके अतिरिक्त जुताई जल प्रबंधन पौधों की दिशा सहयोगी फसलें आच्छादन तथा सूक्ष्म पर्यावरण, बीज एवं जड़ उपचार हेतु बीजामृत का उपयोग एवं मृदा उपचार हेतु जीवामृत के प्रयोग का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। किसानों के मित्र कीटों के अंतर्गत लेडी बर्ड, बीटल, मकड़ी, काइसोपा, ड्रैगनफ्लाई, ड्रैगन फ्लाई, बर्र, मधुमक्खी आदि तथा किसानों के मित्र जीव नेवला, छिपकली, मेंढक, कुत्ता, सांप, केंचुआ, गिरगिट पक्षी आदि की जानकारी दी गई।