MP - अन्याय के खिलाफ ओबीसी महासभा के हजारों लोगों ने थाना घेरा

दमोह जिले में नर्स द्वारा एक गर्भवती महिला के पति से मारपीट का विवाद इतना बढ़ गया कि आज ओबीसी महासभा के हजारों लोगों ने थाने का घेराव कर दिया। उनकी मांग है कि दोषियों पर कडी़ कार्रवाई की जाए और नर्स को बर्खास्त किया जाए। करीब तीन घंटे से लगातार प्रदर्शन जारी है। इस मामले में नर्स को उप-स्वास्थ्य केंद्र से हटा दिया गया है और दो पुलिसकर्मियों को भी लाइन अटैच किया गया है।
पीड़ित महेंद्र लोधी ने बताया कि वह पन्ना जिले के मुहरा टपरियन गांव का रहने वाला है। वह अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर रनेह उप-स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा था। वहां नर्स नीलिमा यादव से इलाज की गुहार लगाई। नर्स ने उन्हें अगले दिन आने को कहा। पत्नी की तकलीफ को देखते हुए महेंद्र ने दोबारा विनती की, जिस पर नर्स ने गुस्से में आकर अपशब्द कहे। जब वह अपनी पत्नी के साथ बस में बैठकर घर जाने लगा तो नर्स ने बस रुकवाकर उसके साथ मारपीट की। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद महेंद्र दमोह पहुंचा और एसपी ऑफिस में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। पहले तो पुलिस ने केवल धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की, लेकिन बाद में नीलिमा की शिकायत पर महेंद्र के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा और छेड़छाड़ जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया। आज पीड़ित महेंद्र के समर्थन में ओबीसी महासभा के हजारों लोग एक साथ थाने पहुंचे। वायरल वीडियो और बस कंडक्टर के बयान के आधार पर आज पांच दिन बाद नर्स के खिलाफ भी बीएनएस की धारा 296, 11(2), 356(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
हैरानी की बात यह है कि पहले केवल एकतरफा ही कार्रवाई की गई। थाना प्रभारी द्वारा महेंद्र को भेजा गया समन भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उसे उसके साथ हुई घटना की लिखित रिपोर्ट थाने में देने के लिए बुलाया गया था। ऐसे में सवाल यह भी है कि जब नर्स की शिकायत पर महेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका था तो थाने में उसे फरियादी की तरह क्यों बुलाया गया?