कृषक श्री निलेश पाटीदार ने उद्यानिकी फसलों सें लगभग 37 लाख का मुनाफा कमाया
झाबुआ l एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत संरक्षित खेती योजनांतर्गत उच्च कोटि की सब्जियों की खेती ने ग्राम मांडन के कृषक श्री निलेश पाटीदार की किस्मत बदलने का काम किया हैं। पारंपरिक खेती को छोड उद्यानिकी फसलों को अपनाकर किसान और उनके परिवार के चेहरें पर खुशी की मुस्कान छा गई। कृषक श्री निलेश पाटीदार द्वारा बतलाया गया कि उनके पास लगभग 18.750 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिसमें पहले वह पारंपरिक खेती करतें थे। फिर एक दिन उनके पास उद्यान विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी श्री सुरेश ईनवाती आए उन्होने उन्हे पारंपरिक खेती छोड उद्यानिकी खेती करनें की सलाह दी। उद्यानिकी अधिकारी की बातें सुनकर पहले उन्होने 01 एकड़ का एक नेटहाउस बनवाया, जिसमें उन्हे उस वर्ष अच्छा मुनाफा प्राप्त हुआ। जिसे देखतें हुए उन्होने धीरे धीरे 03 और नेटहाउस बनवाए। इस वर्ष कृषक ने अपने 03 एकड़ के नेटहाउस में खीरा, ककडी लगाई और कुल 1050 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया। कृषक ने बतलाया की उसने अपनी उपज कों जयपुर और दिल्ली में लगभग 2700 रुपयें प्रति क्विंटल के मान से बेचा। इस प्रकार कृषक को लगभग 28 लाख 35 हजार रुपये प्राप्त हुए व कुल खर्चा लगभग 07 लाख का आया, इस प्रकार शेडनेट हाउस से कृषक ने लगभग 21 लाख 35 हजार का शुद्व मुनाफा कमाया।
कृषक नें अपने खेत पर लगभग 4 एकड में लगभग 4000 पौधें अमरुद के लगाये जिसमें उन्हे लगभग 700 कि्ंवटल अमरुद की उपज प्राप्त हुई, जिसें कृषक नें बक्से में पैकिंग कर दिल्ली में 4000 रुपयें प्रति कि्ंवटल कें मान से बेचकर लगभग 28 लाख रुपयें कमाये। कृषक द्वारा बतलाया गया कि बक्सें में पैकिंग करनें से उसे अन्य कृषक सें 10 रुपयें प्रति किलों के मान से अधिक मुल्य प्राप्त हुआ पर इस वर्ष पौधे को सहारा देने के लिए लोहे के एंगल व तार का स्ट्रकचर बनाने में अधिक खर्चा आया, जिसमें कृषक के लगभग 12 लाख का खर्चा हुआ और कृषक ने अपरुद की फसल सें 16 लाख रुपयें का शुद्ध मुनाफा प्राप्त किया। प्रकार कृषक द्वारा दोनो उद्यानिकी फसलों सें लगभग 37 लाख का मुनाफा कमाया। इन पैसों से कृषक ने एक जेसीबी गाडी खरीदी व अब खेती के साथ साथ जेसीबी गाडी सें एक व्यवसाय भी शुरु कर दिया। यह सब सिर्फ उद्यानिकी फसल से ही संभव हो पाया है।
उल्लेखनीय है कि झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार झाबुआ जिलें में उन्नत तकनीक से खेती को बढावा देने के लिए शेडनेट हाउस का एक कलस्टर तैयार करने के लिए उद्यान विभाग को निर्देशित कर समय समय समीक्षा की जा रही, जिसकें फलस्वरुप मात्र एक वर्ष में ही 80,000 वर्ग मीटर कें शेडनेट तैयार होंकर उच्च कोटि की खेती की जा रही है और 33,500 वर्ग मीटर के शेडनेट हाउस अभी निर्माणाधीन है।